यम भी झुकेगा हिमालय भी टूटेगा, तुम भीष्म की प्रतिज्ञा तो लो, तीन लोक भी तेरे होंगे, एकलव्य का निशाना... यम भी झुकेगा हिमालय भी टूटेगा, तुम भीष्म की प्रतिज्ञा तो लो, तीन लोक भी तेरे हों...
हां मैंने वक्त को थमते देखा है वक्त को वक्त के साथ लड़ते देखा है। हां मैंने वक्त को थमते देखा है वक्त को वक्त के साथ लड़ते देखा है।
कमल तेरी फिज़ूल कलम से...। कमल तेरी फिज़ूल कलम से...।
रोज़ी रोटी की खातिर हम निकला था परदेस। रोज़ी रोटी की खातिर हम निकला था परदेस।
रोज रोज सबके अपने खो रहे देखो ! दिल्ली शहर का क्या हो रहा। रोज रोज सबके अपने खो रहे देखो ! दिल्ली शहर का क्या हो रहा।
काली अंधेरी बेड़ियों से खुद को आओ आज़ाद कर देते है। काली अंधेरी बेड़ियों से खुद को आओ आज़ाद कर देते है।